सिंधु या हड़प्पा सभ्यता के पतन के कारण
harappa sabhyata ke patan ke karan;सिंधु या हड़प्पा सभ्यता का अन्त कब क्यों, और कैसै हुआ? इस विषय मे संतोषजनक उत्तर देना अत्यंत कठिन है। जिस प्रकार हड़प्पा की नगर सभ्यता के प्रादुर्भाव या उसकी उत्पत्ति के बारे मे विद्वानों मे मतभेद है, उसी तरह उसका अंत भी दुर्बोध, अस्पष्ट तथा मूढ़ है और उसने विद्वानों को जिज्ञासा की एक पहेली मे डाल रखा है।
निश्चित साक्ष्यों के अभाव मे इस सभ्यता के अंत के लिए विभिन्न प्रकार के अनुमान विद्वानों ने लगाये है। इन विभिन्न अनुमानों मे कौन सा सही है और कौन सा गलत है? यह निर्धारित करना सरल नही है और न यह बताना संभव है कि इनमे से कौन कितनी मात्र मे उत्तरदायी था। विभिन्न इतिहासकारों ने सिन्धु सभ्यता के पतन के विषय मे अनुमान द्वारा तर्क प्रस्तुत किये है, जिनका वर्णन इस प्रकार है--
1.
आर्यों
का
आक्रमण
--बहुत से विद्वानों
का यह मानना
है कि आर्यों
के आक्रमण से
यह सभ्यता नष्ट
हुई होगी। कुछ
व्यक्तियों के ऐसे
अस्थिपंजर मिले है
जिन पर पर
आक्रमण साफ स्पष्ट
होता है। तीन
सेमिट्रीज (cemetries)- आर. 37, एच-12 तथा एच 1 से यह
स्पष्ट होता है
कि अन्तिम सेमिट्री
(अर्थात् एच-I) आर्यों की
थी। अतः भूतत्व
विज्ञान का आधार
पर ऐसा स्पष्ट
होता प्रतीत होता
है कि आर्यों
ने इस सभ्यता
को नष्ट किया।
2. जल प्लावन --प्रसिद्ध भूगर्भशास्त्री साहनी का विचार है कि सिंधु सभ्यता के विनाश का प्रमुख कारण जल प्लावन था। इस समय सम्भवतः रावी एवं सिंधु नदी के प्रवाह की दिशा मे परिवर्तन होने अथवा बाढ़ आने से ऐसा हुआ होगा। मार्शल, मौके और एस. आर. राव का यह मत भी यही है।
3. भूकम्प --डेल्स, लेम्ब्रिक तथा राइक्स का मत है कि सम्भवतः किसी शक्तिशाली भूकम्प के द्वारा इस सभ्यता का विनाश हुआ होगा।
4. संक्रामक रोग --कुछ ने मलेरिया जैसे रोग के बड़े पैमाने पर फैलने पर लोगो का स्वास्थ्य गिर जाने की संभावना व्यक्त की है और कुछ ने तो कंकालों की हड्डीयों का अध्ययन कर मत व्यक्त किया है कि मलेरिया के कारण हड्डियों का ठीक-ठीक विकास नही पाया था। इतिहास मे ऐसे प्रमाण मिलते है जब पूरी की पूरी बस्तियों को ऐसे रोगों ने अपने प्रभाव से उजाड़ दिया हो।
5. जनसंख्या मे वृद्धि --इसके अलावा सिंधु सभ्यता के पतन के सम्बन्ध मे यह भी कहा जाता है कि जनसंख्या मे वृद्धि होने से आय मे कमी हो गई। अतः यहाँ के लोग कहीं और चले गए तथा उनकी सभ्यता बेआश्रित ही नष्ट हो गई। परन्तु इस कथन की कोई प्रामाणिकता नही है।
6. जलवायु मे परिवर्तन -कुछ विद्वानों यह मानते है कि जलवायु मे परिवर्तन होने के कारण इस सभ्यता का विनाश हुआ। लेकिन रक्स (Raikes) डायसन, जूनियर (Dyson, Je.) फेअरसर्विस (Fairservice) आदि विद्वानों का मत है कि कोई ऐसा जलवायु मे परिवर्तन नही हुआ जिसके कारण सिंधु घाटी सभ्यता नष्ट हुई।
7. राजनीतिक एवं आर्थिक विघटन --कुछ इतिहासकारों का विचार है कि सिंधु सभ्यता का विनाश (पतत) तत्कालीन राजनीतिक एवं आर्थिक विघटन के कारण हुआ। सिन्धु सभ्यता तथा मैसोपोटामिया से प्राप्त साक्ष्यों से पता चलता है कि अन्तिम चरण मे सिंधु सभ्यता का विदेशों से व्यापार अत्यंत कम हो गया था। यह इस बात का द्योतक है कि सिंधु सभ्यताकालीन समाज का अन्तिम दिनों मे कुशल नेतृत्व प्राप्त नही था। वैदेशिक व्यापार कम होने पर स्वाभाविक था कि तत्कालीन समाज पर दुष्परिणाम पड़ता।
8.
उत्साह
की
कमी
--ऐसा भी कहा
जाता है कि
हड़प्पा की नगर
सभ्यता के लोगों
मे धीरे-धीरे
उत्साह खत्म सोने
लगा तथा वे
आलसी हो गये।
अतः वे अपनी
सभ्यता को चिरस्थायी
नही रख सके।
9. बाहरी आक्रमण --अनेक इतिहासकार सिंधु सभ्यता के पतन का एक प्रमुख कारण बाह्रा आक्रमण मानते है। अनेक संस्कृतियों का वैदेशिक आक्रमणों के कारण पतन हुआ है। टाॅयनबी का भी विचार है कि जब किसी भी सभ्यता मे सम्पन्नता आती है तो दैनिक आवश्यकताओं की आसानी से पूर्ति होने के कारण लोग आलसी एवं विलासी हो जाते है। अतः शत्रुओं को उन पर आक्रमण करने का अवसर प्राप्त हो जाता है। ऐसा सम्भव हो सकता है कि सिंधु सभ्यता के साथ भी ऐसा ही हुआ हो।
10. कृषि व्यवस्था का लोप-- दामोदरदास कोसाम्बी ने इस सभ्यता के पतन का कारण कृषि व्यवस्था का लोप बतलाया है। वह चाहे धारा बदलने से हुआ हो या प्रलयंकारी बाढ़ से। जब सहायत भूमि ने अन्न अतिरेक पैदा करना बंद कर दिया तो नगर समाप्त हो गये।
उपर्युक्त सभी कारणों अथवा इनमे से किसी एक विशिष्ट कारण से ही सम्भवतः सिंधु सभ्यता या हड़प्पा सभ्यता का पतन हुआ होगा। तथ्य जो भी हो लेकिन यह तय सा लगता है कि लोग अपने माल-असबाब सहित चले गये थे क्योंकि खुदाई मे कोई कीमती चीज नही मिली।
इन्हें भी पढ़ें:-
1)सिन्धु सभ्यता के प्रमुख स्थल
2) हड़प्पा सभ्यता की नगर योजना
3) हड़प्पा सभ्यता की विशेषताएं/जीवन
4) सिंधु या हड़प्पा सभ्यता के पतन के कारण
5) पाषाण काल की प्रमुख विशेषताएं & pdf download
6) प्रागैतिहासिक काल (Prehistory in Hindi)
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